मज़बूरी - सुनील गुप्ता
Jan 5, 2025, 22:30 IST
| ( 1 )" म ", मस्त रहें
सदैव मौज़ करें,
काहे की मज़बूरी, है दोस्तों !!
( 2 )" ज़ ", ज़हन में
न कभी सोचें,
रखें भरोसा, हमेशा ईश्वर पे !!
( 3 )" बू ", बूता शक्ति
बढ़ाए चलें सामर्थ्य,
स्वयं बनें, जीवन के पर्याय !!
( 4 )" री ", रीझते चलें
इस ज़िंदगी पे,
ईश्वर को कृतज्ञता, ज्ञापित करें !!
( 5 )" मज़बूरी ", मज़बूरी छोडें
सीखें अनुभवों से,
और चलें जीवंत, जीवन जीए !!
- सुनील गुप्ता (सुनीलानंद), जयपुर, राजस्थान