भोर आई अलबेली - सुनील गुप्ता

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 ( 1 ) भोर

     आई अलबेली....,

     खिली मन की हरेक कली !!

( 2 ) सहर

      बेला सरसाई....,

      चली मकरंद भरी मधुर पुरवाई !!

( 3 ) अरुणोदय

      सौभाग्य जगाए.....,

      जीवन में प्रेमानंद भर जाए !!

( 4 ) विहान

      बरसाए सुकून.....,

      उड़ें कलरव करते पंछी विहंग !!

( 5 ) ब्रह्ममुहूर्त

     अमृतबेला में.....,

     आओ पान करते चलें सूर्यकिरणे !!

- सुनील गुप्ता (सुनीलानंद), जयपुर, राजस्थान