गुस्से में प्याज टमाटर - हरी राम यादव

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गुस्से में बम बम कर रहा,

    मंडी में बैठ टमाटर लाल।

गुस्से में दोनों नथुने फूल रहे,

    और फूल रहे हैं दोनों गाल।

और फूल रहे हैं दोनों गाल,

    हाल न पूछो  लहसुन का।

वह खूंटी पर ही टंगे टंगे ,

    चार सौ का गाना रहा गा।

प्याज आज गिरा रही गाज,

    सठिया कर दिखा रही है ऐंठ।

सब्जी के राजा आलू ने भी,

    चालीस पर बना रखी पैठ।।

धनिया ने भी धमक दिखाई,

    और मारा जोर का धक्का।

जा बैठी बगल में लहसुन के,

    स्थान बनाया अपना पक्का।

स्थान बनाया अपना पक्का,

    कहां पीछे रहने वाला बैंगन।

ताल ठोंक कर अदरक बोली,

    मेरे पास तो है दुनाली गन‌।

मैं क्यों रहूं किसी से पीछे,

   दो सौ तक जाने का मेरा मन।।

- हरी राम यादव, अयोध्या , उत्तर प्रदेश